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Rishi Prasad

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प्रश्न: ईश्वर में स्थिति पाने के लिए क्या करना चाहिए?
पूज्य : अपनी बुद्धि को जगत के नश्वर पदार्थों से हटाकर अमर आत्मा में लगाना चाहिए।
इस हेतु आत्मा के विषय में ही बार-2 सुनें,उसीका मनन करें।
जीवन में कुछ नियम बना लें,उन पर दृढ़ रहें।
अपने मन पर निगरानी रखें,सदैव सजग रहें।

प्रश्न: ईश्वर में स्थिति पाने के लिए क्या करना चाहिए? पूज्य #Bapuji: अपनी बुद्धि को जगत के नश्वर पदार्थों से हटाकर अमर आत्मा में लगाना चाहिए। इस हेतु आत्मा के विषय में ही बार-2 सुनें,उसीका मनन करें। जीवन में कुछ नियम बना लें,उन पर दृढ़ रहें। अपने मन पर निगरानी रखें,सदैव सजग रहें।
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क्यों आवश्यक है ब्रह्मचर्य पालन ?
जो विकारों के प्रभाव में आकर आकर्षित हो जाता है उसका सेवा में मन नहीं लगेगा,वह सेवा से च्युत हो जायेगा, भ्रष्ट हो जायेगा;ज्ञान,संयम,तप से भ्रष्ट हो जायेगा।
प्रकृति का,कई जन्मों का संस्कार है। मनुष्य-जन्म में पुरुषार्थ करके उसे हटाना है।

क्यों आवश्यक है ब्रह्मचर्य पालन ? जो विकारों के प्रभाव में आकर आकर्षित हो जाता है उसका सेवा में मन नहीं लगेगा,वह सेवा से च्युत हो जायेगा, भ्रष्ट हो जायेगा;ज्ञान,संयम,तप से भ्रष्ट हो जायेगा। प्रकृति का,कई जन्मों का संस्कार है। मनुष्य-जन्म में पुरुषार्थ करके उसे हटाना है। #Bapuji
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श्री वल्लभाचार्य जयंती/वरूथिनी एकादशी-4 मई
भगवद्-तत्त्व की महिमा समझो!
सूरदासजी- मो सम कौन कुटिल खल कामी..प्रभु मोरे औगुन चित न धरौ..
वल्लभाचार्यजी ने कहा-भगवद्-तत्त्व की महिमा समझो,दीनता त्यागो। 
वल्लभाचार्यजी से दीक्षा के बाद सूरदासजी के भजनों में भगवत्स्वरूप छलकने लगा।

श्री वल्लभाचार्य जयंती/वरूथिनी एकादशी-4 मई भगवद्-तत्त्व की महिमा समझो! सूरदासजी- मो सम कौन कुटिल खल कामी..प्रभु मोरे औगुन चित न धरौ.. वल्लभाचार्यजी ने कहा-भगवद्-तत्त्व की महिमा समझो,दीनता त्यागो।  वल्लभाचार्यजी से दीक्षा के बाद सूरदासजी के भजनों में भगवत्स्वरूप छलकने लगा। #Bapuji
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सावधानी रखें !
CAUTION
मासिक धर्मवालों से जो परहेज करेंगे उन पुरुषों की बुद्धि बढ़ी हुई रहेगी ।
जो महिलाएँ मासिकधर्म में हैं उनके हाथ का गूंथा हुआ आटा, बनाया हुआ भोजन, अथवा उनका स्पर्श बुद्धि को दब्बू बनाता है ।
नवम्बर 2020,अंक 335,पेज-19

सावधानी रखें ! CAUTION मासिक धर्मवालों से जो परहेज करेंगे उन पुरुषों की बुद्धि बढ़ी हुई रहेगी । जो महिलाएँ मासिकधर्म में हैं उनके हाथ का गूंथा हुआ आटा, बनाया हुआ भोजन, अथवा उनका स्पर्श बुद्धि को दब्बू बनाता है । नवम्बर 2020,अंक 335,पेज-19 #RishiPrasad #Magazine #AsharamjiBapu
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वे इंसान नहीं…...भगवान है !!
“पूज्य आशाराम ”इंसान नहीं,सच मानिये भगवान हैं,जिन्होंने धरती के लिए इतना बड़ा काम किया,कितने लोगों की जिंदगी बदल दी!
जब-जब इस देश में संत- महापुरुषों को सताया गया तब-तब इस देश को भोगना पड़ा। इसीलिए महापुरुषों का तो सदैव आदर-मान होना चाहिए।

वे इंसान नहीं…...भगवान है !! “पूज्य आशाराम #Bapuji ”इंसान नहीं,सच मानिये भगवान हैं,जिन्होंने धरती के लिए इतना बड़ा काम किया,कितने लोगों की जिंदगी बदल दी! जब-जब इस देश में संत- महापुरुषों को सताया गया तब-तब इस देश को भोगना पड़ा। इसीलिए महापुरुषों का तो सदैव आदर-मान होना चाहिए।
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बुधवारी अष्टमी
जप की शक्ति !
सूर्योदय से 2 मई प्रात: 4:01)
यह तिथि सूर्यग्रहण के बराबर कही गयी है।बार-2 भगवन्नाम जप करने से एक प्रकार का भगवदीय आनंद प्रकट होने लगता है।
जप से उत्पन्न भगवदीय आभा आपके पाँचों शरीरों को शुद्ध रखती है,तुम्हें अपने 'परमात्मस्वरुप' में जगाती है।

बुधवारी अष्टमी जप की शक्ति ! सूर्योदय से 2 मई प्रात: 4:01) यह तिथि सूर्यग्रहण के बराबर कही गयी है।बार-2 भगवन्नाम जप करने से एक प्रकार का भगवदीय आनंद प्रकट होने लगता है। जप से उत्पन्न भगवदीय आभा आपके पाँचों शरीरों को शुद्ध रखती है,तुम्हें अपने 'परमात्मस्वरुप' में जगाती है। #Bapuji
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ग्रीष्मकालीन समस्याओं का
कमजोरी : में घी व मिश्री अथवा के रस में घी व इलायची मिलाकर पीने से नहीं आती। रात को दूध में घी मिलाकर पीना भी लाभदायी है। साठी के चावल का भात व दूध सुपाच्य व शीघ्र शक्तिदायी आहार है।
अप्रैल 2015, अंक 268, पेज 32

ग्रीष्मकालीन समस्याओं का #समाधान कमजोरी : #सत्तू में घी व मिश्री अथवा #आम के रस में घी व इलायची मिलाकर पीने से #कमजोरी नहीं आती। रात को दूध में घी मिलाकर पीना भी लाभदायी है। साठी के चावल का भात व दूध सुपाच्य व शीघ्र शक्तिदायी आहार है। अप्रैल 2015, अंक 268, पेज 32 #AsharamjiBapu
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पूज्य संत श्री का -29 अप्रैल
'संतसेवी,दानी,धर्मात्मा व उदार हृदय के धनी माता-पिता के घर पूज्य बापूजी जैसे महान संत का अवतरण हुआ ।
पिताजी जान चुके थे कि बालक आसु के रूप में हमारे यहाँ “साक्षात् परब्रह्म-परमात्मा”ने ही लोकोद्धार के लिए अवतार लिया है ।

पूज्य संत श्री #AsharamjiBapu का #अवतरण_दिवस-29 अप्रैल 'संतसेवी,दानी,धर्मात्मा व उदार हृदय के धनी माता-पिता के घर पूज्य बापूजी जैसे महान संत का अवतरण हुआ । पिताजी जान चुके थे कि बालक आसु के रूप में हमारे यहाँ “साक्षात् परब्रह्म-परमात्मा”ने ही लोकोद्धार के लिए अवतार लिया है ।
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पूज्य संत श्री का अवतरण दिवस- 29 अप्रैल
बचपन में ऐसी तड़प !
रमेशभाई बताते हैं कि घर में पूजा का कमरा था, जिसमें बापूजी 8-8:30 बजे स्नान आदि करके ध्यान-भजन करने बैठ जाते और 9:30-10 बजे तथा कभी-2 तो 11 बजे बाहर निकलते फिर दूध पीते थे।
तब 10-11 वर्ष की उम्र रही होगी ।

पूज्य संत श्री #AsharamjiBapu का अवतरण दिवस- 29 अप्रैल बचपन में ऐसी तड़प ! रमेशभाई बताते हैं कि घर में पूजा का कमरा था, जिसमें बापूजी 8-8:30 बजे स्नान आदि करके ध्यान-भजन करने बैठ जाते और 9:30-10 बजे तथा कभी-2 तो 11 बजे बाहर निकलते फिर दूध पीते थे। तब 10-11 वर्ष की उम्र रही होगी ।
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पूज्य संत श्री का अवतरण दिवस- 29 अप्रैल
तीव्र बुद्धि के धनी!
पूज्यश्री की पढ़ाई तीसरी कक्षा तक हुई थी।
इस छोटी उम्र में ही बड़े-बड़े लोगों की समस्याओं को हँसते-खेलते सुलझा देते थे।
ऐसे एक नहीं,अनेक प्रसंग हैं।
तीव्र बुद्धि एकाग्र नम्रता,
त्वरित कार्य औ' सहनशीलता।।

पूज्य संत श्री #AsharamjiBapu का अवतरण दिवस- 29 अप्रैल तीव्र बुद्धि के धनी! पूज्यश्री की पढ़ाई तीसरी कक्षा तक हुई थी। इस छोटी उम्र में ही बड़े-बड़े लोगों की समस्याओं को हँसते-खेलते सुलझा देते थे। ऐसे एक नहीं,अनेक प्रसंग हैं। तीव्र बुद्धि एकाग्र नम्रता, त्वरित कार्य औ' सहनशीलता।।
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पूज्य संत श्री आशारामजी बापू का अवतरण दिवस- 29 अप्रैल
परहित परायणता !
दूसरों को बाँटकर खाना यह सद्गुण पूज्यश्री में बचपन से ही है। स्वयं खाने से पहले गाय को भी खिलाते थे । गायों के प्रति पूज्य बापूजी का बचपन में भी बड़ा स्नेह था और आज तो हम सभी प्रत्यक्ष देखते हैं।

पूज्य संत श्री आशारामजी बापू का अवतरण दिवस- 29 अप्रैल परहित परायणता ! दूसरों को बाँटकर खाना यह सद्गुण पूज्यश्री में बचपन से ही है। स्वयं खाने से पहले गाय को भी खिलाते थे । गायों के प्रति पूज्य बापूजी का बचपन में भी बड़ा स्नेह था और आज तो हम सभी प्रत्यक्ष देखते हैं। #Bapuji
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पूज्य संत श्री आशारामजी बापू का अवतरण दिवस- 29 अप्रैल
सादगीप्रियता
रमेशभाई बताते हैं कि को बचपन से ही सादगी प्रिय है। सफेद वस्त्र, सात्त्विक भोजन पसंद है । पूज्यश्री कभी-कभी व्रत भी करते थे और उसमें केवल फल या दूध लेते थे। बचपन में भी सफेद कुर्ता-पाजामा पहनते थे ।

पूज्य संत श्री आशारामजी बापू का अवतरण दिवस- 29 अप्रैल सादगीप्रियता रमेशभाई बताते हैं कि #Bapuji को बचपन से ही सादगी प्रिय है। सफेद वस्त्र, सात्त्विक भोजन पसंद है । पूज्यश्री कभी-कभी व्रत भी करते थे और उसमें केवल फल या दूध लेते थे। बचपन में भी सफेद कुर्ता-पाजामा पहनते थे ।
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भाग्य की रेखा बदल जाएगी...
पूज्यश्री कहते हैं : देशी गाय की चरणरज (गौ धूलि) का तिलक करने से भाग्य की रेखाएँ बदल जाती हैं ।
ऐसी अनेकों कुंजी मिलेंगी आपको मासिक पत्रिका में !
शीघ्र ही सदस्यता प्राप्त करें - मात्र 75 /-

भाग्य की रेखा बदल जाएगी... पूज्यश्री कहते हैं : देशी गाय की चरणरज (गौ धूलि) का तिलक करने से भाग्य की रेखाएँ बदल जाती हैं । ऐसी अनेकों कुंजी मिलेंगी आपको #ऋषिप्रसाद मासिक पत्रिका में ! शीघ्र ही सदस्यता प्राप्त करें - मात्र 75 /- #AsharamjiBapuQuotes
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श्री हनुमान जयंती-23 अप्रैल
राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहाँ बिश्राम ।
अर्थात् रामजी का कार्य पूर्ण किये बिना मेरे लिए विश्राम कहाँ !
इसी तरह अपने साध्य को पाये बिना साधक को विराम वर्जित है।
साधना को बीच में रोका तो साधक कैसा ?

श्री हनुमान जयंती-23 अप्रैल राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहाँ बिश्राम । अर्थात् रामजी का कार्य पूर्ण किये बिना मेरे लिए विश्राम कहाँ ! इसी तरह अपने साध्य को पाये बिना साधक को विराम वर्जित है। साधना को बीच में रोका तो साधक कैसा ? #AsharamjiBapuQuotes
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वैशाख स्नान आरम्भ
( 23 अप्रैल से 23 मई )
देवर्षि नारदजी राजा अम्बरीष से कहते हैं : राजन् ! जो में सूर्योदय से पहले भगवत्-चिंतन करते हुए जो पुण्यस्नान करता है, उससे भगवान विष्णु निरंतर प्रीति करते हैं।
पाप तभी तक गरजते हैं, जब तक जीव यह नहीं करता।

वैशाख स्नान आरम्भ ( 23 अप्रैल से 23 मई ) देवर्षि नारदजी राजा अम्बरीष से कहते हैं : राजन् ! जो #वैशाख में सूर्योदय से पहले भगवत्-चिंतन करते हुए जो पुण्यस्नान करता है, उससे भगवान विष्णु निरंतर प्रीति करते हैं। पाप तभी तक गरजते हैं, जब तक जीव यह #पुण्यस्नान नहीं करता। #AsharamjiBapu
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महावीर स्वामी जयंती : 21 अप्रैल
जिनके हृदय में परहित की भावना है और जो सत्य के रास्ते चलते हैं, उनके आगे कितनी भी दुःख मुसीबतों की आँधियाँ आयें फिर भी वे उन्हें डिगा नहीं सकतीं।
नवम्बर-2014, अंक-263, पेज-17

महावीर स्वामी जयंती : 21 अप्रैल जिनके हृदय में परहित की भावना है और जो सत्य के रास्ते चलते हैं, उनके आगे कितनी भी दुःख मुसीबतों की आँधियाँ आयें फिर भी वे उन्हें डिगा नहीं सकतीं। नवम्बर-2014, अंक-263, पेज-17 #AsharamjiBapu #Magazine #ऋषिप्रसाद
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समयानुसार केले का आहार

केले को सुबह खाने से उसकी कीमत ताँबे जैसी, दोपहर को खाने से चाँदी जैसी और शाम को खाने से सोने जैसी होती है।
श्रम न करनेवाले को अधिक मात्रा में केला खाना हानिकारक है।
दिसम्बर 2017, अंक 300 पेज 31

समयानुसार केले का आहार केले को सुबह खाने से उसकी कीमत ताँबे जैसी, दोपहर को खाने से चाँदी जैसी और शाम को खाने से सोने जैसी होती है। श्रम न करनेवाले को अधिक मात्रा में केला खाना हानिकारक है। दिसम्बर 2017, अंक 300 पेज 31 #Bapuji #RishiPrasad #Magazine
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ग्रीष्म ऋतु-(19 अप्रैल से 21 जून )
शहतूत : ग्रीष्मोपयोगी फल
लाल व काले रंग के शहतूत खट्टे-मीठे और हरे रंग के शहतूत मीठे होते हैं।
पके हुए शहतूत संतुलित मात्रा में खाने से हृदय को शांति,मन को प्रसन्नता मिलती है तथा झूठी तृषा शांत होती है।
सदस्यता शुल्क मात्र 75/- वार्षिक

ग्रीष्म ऋतु-(19 अप्रैल से 21 जून ) शहतूत : ग्रीष्मोपयोगी फल लाल व काले रंग के शहतूत खट्टे-मीठे और हरे रंग के शहतूत मीठे होते हैं। पके हुए शहतूत संतुलित मात्रा में खाने से हृदय को शांति,मन को प्रसन्नता मिलती है तथा झूठी तृषा शांत होती है। सदस्यता शुल्क मात्र 75/- वार्षिक #bapuji
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कामदा एकादशी -19 अप्रैल
गीता के अनुसार उपवास, विषय-वासना से निवृत्ति का अचूक साधन है। खाली पेट को फालतू की 'मटरगस्ती' नहीं सूझती। अतः शरीर, इन्द्रियों और मन पर विजय पाने के लिये 'जितासन' और 'जिताहार' होने की परम आवश्यकता है।
मार्च 2001, अंक 99, पेज 29

कामदा एकादशी -19 अप्रैल गीता के अनुसार उपवास, विषय-वासना से निवृत्ति का अचूक साधन है। खाली पेट को फालतू की 'मटरगस्ती' नहीं सूझती। अतः शरीर, इन्द्रियों और मन पर विजय पाने के लिये 'जितासन' और 'जिताहार' होने की परम आवश्यकता है। मार्च 2001, अंक 99, पेज 29 #Bapuji #RishiPrasad
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