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Rishi Prasad

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पूज्य संत श्री आशारामजी बापू का अवतरण दिवस- 29 अप्रैल
परहित परायणता !
दूसरों को बाँटकर खाना यह सद्गुण पूज्यश्री में बचपन से ही है। स्वयं खाने से पहले गाय को भी खिलाते थे । गायों के प्रति पूज्य बापूजी का बचपन में भी बड़ा स्नेह था और आज तो हम सभी प्रत्यक्ष देखते हैं।

पूज्य संत श्री आशारामजी बापू का अवतरण दिवस- 29 अप्रैल परहित परायणता ! दूसरों को बाँटकर खाना यह सद्गुण पूज्यश्री में बचपन से ही है। स्वयं खाने से पहले गाय को भी खिलाते थे । गायों के प्रति पूज्य बापूजी का बचपन में भी बड़ा स्नेह था और आज तो हम सभी प्रत्यक्ष देखते हैं। #Bapuji
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पूज्य संत श्री आशारामजी बापू का अवतरण दिवस- 29 अप्रैल
सादगीप्रियता
रमेशभाई बताते हैं कि को बचपन से ही सादगी प्रिय है। सफेद वस्त्र, सात्त्विक भोजन पसंद है । पूज्यश्री कभी-कभी व्रत भी करते थे और उसमें केवल फल या दूध लेते थे। बचपन में भी सफेद कुर्ता-पाजामा पहनते थे ।

पूज्य संत श्री आशारामजी बापू का अवतरण दिवस- 29 अप्रैल सादगीप्रियता रमेशभाई बताते हैं कि #Bapuji को बचपन से ही सादगी प्रिय है। सफेद वस्त्र, सात्त्विक भोजन पसंद है । पूज्यश्री कभी-कभी व्रत भी करते थे और उसमें केवल फल या दूध लेते थे। बचपन में भी सफेद कुर्ता-पाजामा पहनते थे ।
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भाग्य की रेखा बदल जाएगी...
पूज्यश्री कहते हैं : देशी गाय की चरणरज (गौ धूलि) का तिलक करने से भाग्य की रेखाएँ बदल जाती हैं ।
ऐसी अनेकों कुंजी मिलेंगी आपको मासिक पत्रिका में !
शीघ्र ही सदस्यता प्राप्त करें - मात्र 75 /-

भाग्य की रेखा बदल जाएगी... पूज्यश्री कहते हैं : देशी गाय की चरणरज (गौ धूलि) का तिलक करने से भाग्य की रेखाएँ बदल जाती हैं । ऐसी अनेकों कुंजी मिलेंगी आपको #ऋषिप्रसाद मासिक पत्रिका में ! शीघ्र ही सदस्यता प्राप्त करें - मात्र 75 /- #AsharamjiBapuQuotes
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श्री हनुमान जयंती-23 अप्रैल
राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहाँ बिश्राम ।
अर्थात् रामजी का कार्य पूर्ण किये बिना मेरे लिए विश्राम कहाँ !
इसी तरह अपने साध्य को पाये बिना साधक को विराम वर्जित है।
साधना को बीच में रोका तो साधक कैसा ?

श्री हनुमान जयंती-23 अप्रैल राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहाँ बिश्राम । अर्थात् रामजी का कार्य पूर्ण किये बिना मेरे लिए विश्राम कहाँ ! इसी तरह अपने साध्य को पाये बिना साधक को विराम वर्जित है। साधना को बीच में रोका तो साधक कैसा ? #AsharamjiBapuQuotes
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वैशाख स्नान आरम्भ
( 23 अप्रैल से 23 मई )
देवर्षि नारदजी राजा अम्बरीष से कहते हैं : राजन् ! जो में सूर्योदय से पहले भगवत्-चिंतन करते हुए जो पुण्यस्नान करता है, उससे भगवान विष्णु निरंतर प्रीति करते हैं।
पाप तभी तक गरजते हैं, जब तक जीव यह नहीं करता।

वैशाख स्नान आरम्भ ( 23 अप्रैल से 23 मई ) देवर्षि नारदजी राजा अम्बरीष से कहते हैं : राजन् ! जो #वैशाख में सूर्योदय से पहले भगवत्-चिंतन करते हुए जो पुण्यस्नान करता है, उससे भगवान विष्णु निरंतर प्रीति करते हैं। पाप तभी तक गरजते हैं, जब तक जीव यह #पुण्यस्नान नहीं करता। #AsharamjiBapu
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महावीर स्वामी जयंती : 21 अप्रैल
जिनके हृदय में परहित की भावना है और जो सत्य के रास्ते चलते हैं, उनके आगे कितनी भी दुःख मुसीबतों की आँधियाँ आयें फिर भी वे उन्हें डिगा नहीं सकतीं।
नवम्बर-2014, अंक-263, पेज-17

महावीर स्वामी जयंती : 21 अप्रैल जिनके हृदय में परहित की भावना है और जो सत्य के रास्ते चलते हैं, उनके आगे कितनी भी दुःख मुसीबतों की आँधियाँ आयें फिर भी वे उन्हें डिगा नहीं सकतीं। नवम्बर-2014, अंक-263, पेज-17 #AsharamjiBapu #Magazine #ऋषिप्रसाद
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समयानुसार केले का आहार

केले को सुबह खाने से उसकी कीमत ताँबे जैसी, दोपहर को खाने से चाँदी जैसी और शाम को खाने से सोने जैसी होती है।
श्रम न करनेवाले को अधिक मात्रा में केला खाना हानिकारक है।
दिसम्बर 2017, अंक 300 पेज 31

समयानुसार केले का आहार केले को सुबह खाने से उसकी कीमत ताँबे जैसी, दोपहर को खाने से चाँदी जैसी और शाम को खाने से सोने जैसी होती है। श्रम न करनेवाले को अधिक मात्रा में केला खाना हानिकारक है। दिसम्बर 2017, अंक 300 पेज 31 #Bapuji #RishiPrasad #Magazine
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ग्रीष्म ऋतु-(19 अप्रैल से 21 जून )
शहतूत : ग्रीष्मोपयोगी फल
लाल व काले रंग के शहतूत खट्टे-मीठे और हरे रंग के शहतूत मीठे होते हैं।
पके हुए शहतूत संतुलित मात्रा में खाने से हृदय को शांति,मन को प्रसन्नता मिलती है तथा झूठी तृषा शांत होती है।
सदस्यता शुल्क मात्र 75/- वार्षिक

ग्रीष्म ऋतु-(19 अप्रैल से 21 जून ) शहतूत : ग्रीष्मोपयोगी फल लाल व काले रंग के शहतूत खट्टे-मीठे और हरे रंग के शहतूत मीठे होते हैं। पके हुए शहतूत संतुलित मात्रा में खाने से हृदय को शांति,मन को प्रसन्नता मिलती है तथा झूठी तृषा शांत होती है। सदस्यता शुल्क मात्र 75/- वार्षिक #bapuji
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कामदा एकादशी -19 अप्रैल
गीता के अनुसार उपवास, विषय-वासना से निवृत्ति का अचूक साधन है। खाली पेट को फालतू की 'मटरगस्ती' नहीं सूझती। अतः शरीर, इन्द्रियों और मन पर विजय पाने के लिये 'जितासन' और 'जिताहार' होने की परम आवश्यकता है।
मार्च 2001, अंक 99, पेज 29

कामदा एकादशी -19 अप्रैल गीता के अनुसार उपवास, विषय-वासना से निवृत्ति का अचूक साधन है। खाली पेट को फालतू की 'मटरगस्ती' नहीं सूझती। अतः शरीर, इन्द्रियों और मन पर विजय पाने के लिये 'जितासन' और 'जिताहार' होने की परम आवश्यकता है। मार्च 2001, अंक 99, पेज 29 #Bapuji #RishiPrasad
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परेशानी का कारण
जो ईश्वर है, परमात्मा है, वह तुमको परेशान नहीं करना चाहता है ।
तुम यदि परेशान हो तो अपनी कल्पनाओं के कारण हो, नासमझी के कारण हो, कुसंग के कारण हो । -पूज्य बापूजी
सितंबर 2017, अंक 297, पेज 27


परेशानी का कारण जो ईश्वर है, परमात्मा है, वह तुमको परेशान नहीं करना चाहता है । तुम यदि परेशान हो तो अपनी कल्पनाओं के कारण हो, नासमझी के कारण हो, कुसंग के कारण हो । -पूज्य बापूजी सितंबर 2017, अंक 297, पेज 27 #AsharamjiBapu #LifeChangingQuotes #RishiPrasad
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श्रीराम नवमी-17 अप्रैल
पुनर्वसु नक्षत्र और रामनवमी का योग बड़ा दुर्लभ और अद्भुत है। सूर्यग्रहण के समय भगवन्नाम-जप का १० लाख गुना फल होता है परंतु इस पुनर्वसु नक्षत्र युक्त रामनवमी में ध्यान, जप, उपवास का करोड़ों सूर्यग्रहण से अधिक फल होता है।
अंक 363, मार्च 2023, पेज 16

श्रीराम नवमी-17 अप्रैल पुनर्वसु नक्षत्र और रामनवमी का योग बड़ा दुर्लभ और अद्भुत है। सूर्यग्रहण के समय भगवन्नाम-जप का १० लाख गुना फल होता है परंतु इस पुनर्वसु नक्षत्र युक्त रामनवमी में ध्यान, जप, उपवास का करोड़ों सूर्यग्रहण से अधिक फल होता है। अंक 363, मार्च 2023, पेज 16 #Bapuji
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उसके काम हो जाते हैं….
जो वाह-वाह सोचता है, धन्यवाद सोचता है, 'कर लूँगा, हो जायेगा.... हो जायेगा' ऐसा सोचता है, निराशा हताशा की बातें नहीं सोचता, उसके काम हो जाते हैं। -पूज्य बापूजी
फरवरी 2011, अंक 218, पेज 22


उसके काम हो जाते हैं…. जो वाह-वाह सोचता है, धन्यवाद सोचता है, 'कर लूँगा, हो जायेगा.... हो जायेगा' ऐसा सोचता है, निराशा हताशा की बातें नहीं सोचता, उसके काम हो जाते हैं। -पूज्य बापूजी फरवरी 2011, अंक 218, पेज 22 #AsharamjiBapuQuotes #RishiPrasad #Magazine
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नवरात्रि के अंतिम 3 दिन !
(15 से 17 अप्रैल)
यदि कोई पूरे नवरात्रि के उपवास न कर सकता हो तो सप्तमी,अष्टमी,नवमी तीन दिन उपवास करके वह सम्पूर्ण नवरात्रि उपवास का फल प्राप्त करता है। देवी की उपासना के लिए नौ दिन हैं लेकिन जिन्हें ईश्वरप्राप्ति करनी है,उनके लिए तो सभी दिन हैं।

नवरात्रि के अंतिम 3 दिन ! (15 से 17 अप्रैल) यदि कोई पूरे नवरात्रि के उपवास न कर सकता हो तो सप्तमी,अष्टमी,नवमी तीन दिन उपवास करके वह सम्पूर्ण नवरात्रि उपवास का फल प्राप्त करता है। देवी की उपासना के लिए नौ दिन हैं लेकिन जिन्हें ईश्वरप्राप्ति करनी है,उनके लिए तो सभी दिन हैं। #Bapuji
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रविवारी सप्तमी -14 अप्रैल
(यह तिथि सूर्यग्रहण के बराबर मानी गई है |)
(दोपहर 11:43 से 15 अप्रैल सूर्योदय तक)
अपने कमरे की दीवाल पर 1 वाक्य लिख देना चाहिए कि 'गुरुमंत्र का मानसिक जप चल रहा है न ?' चलते-फिरते, उठते-बैठते, खाते-पीते, सोते- जगते जप करते रहना चाहिए ।

रविवारी सप्तमी -14 अप्रैल (यह तिथि सूर्यग्रहण के बराबर मानी गई है |) (दोपहर 11:43 से 15 अप्रैल सूर्योदय तक) अपने कमरे की दीवाल पर 1 वाक्य लिख देना चाहिए कि 'गुरुमंत्र का मानसिक जप चल रहा है न ?' चलते-फिरते, उठते-बैठते, खाते-पीते, सोते- जगते जप करते रहना चाहिए । #AsharamjiBapu
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संक्रांति -13 अप्रैल
(पुण्यकाल-दोपहर 12:27 से सूर्यास्त तक)
कलिर्धन्यः अर्थात् 'कलियुग धन्य है !'
व्यासजी ने कहा: 'मैं कलियुग को धन्य इसलिए कहता हूँ क्योंकि इसमें भगवान को प्राप्त करना अधिक आसान है। कलियुग में निरंतर भगवन्नाम लेनेमात्र से मनुष्य उनको प्राप्त कर सकता है।

संक्रांति -13 अप्रैल (पुण्यकाल-दोपहर 12:27 से सूर्यास्त तक) कलिर्धन्यः अर्थात् 'कलियुग धन्य है !' व्यासजी ने कहा: 'मैं कलियुग को धन्य इसलिए कहता हूँ क्योंकि इसमें भगवान को प्राप्त करना अधिक आसान है। कलियुग में निरंतर भगवन्नाम लेनेमात्र से मनुष्य उनको प्राप्त कर सकता है। #Bapuji
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“ऋषि प्रसाद एक आध्यात्मिक मासिक पत्रिका”
इस माह(अप्रैल) की ऋषि प्रसाद में आप पायेंगे-
*हिंदुस्तान में ही हो रहा है हिन्दू संत के साथ अन्याय और अत्याचार …
*संत अपमान से उजड़ा गाँव, जान-माल की हुई भारी तबाही …
और भी बहुत कुछ …
1 वर्ष की सदस्यता मात्र 75/-

“ऋषि प्रसाद एक आध्यात्मिक मासिक पत्रिका” इस माह(अप्रैल) की ऋषि प्रसाद में आप पायेंगे- *हिंदुस्तान में ही हो रहा है हिन्दू संत के साथ अन्याय और अत्याचार … *संत अपमान से उजड़ा गाँव, जान-माल की हुई भारी तबाही … और भी बहुत कुछ … 1 वर्ष की सदस्यता मात्र 75/- #Bapuji #Magazine
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सर्वांग-संयमी कैसे बनें ?
हमको शक्ति एवं सरलता के लिए सर्वांग संयमी होना चाहिए ।
आज्ञाचक्र में ॐकार या सद्गुरु का ध्यान करने से पाँचों इन्द्रियों को संयत करने में तेजी से मदद मिलती है ।
(सितंबर 2017 , अंक 297 , पेज 17)

सर्वांग-संयमी कैसे बनें ? हमको शक्ति एवं सरलता के लिए सर्वांग संयमी होना चाहिए । आज्ञाचक्र में ॐकार या सद्गुरु का ध्यान करने से पाँचों इन्द्रियों को संयत करने में तेजी से मदद मिलती है । (सितंबर 2017 , अंक 297 , पेज 17) #RishiPrasad #AsharamjiBapu
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चैत्री नूतन वर्ष वि.सं. २०८१ प्रारंभ/गुड़ी पड़वा (पूरा दिन शुभ मुहूर्त)/चैत्री नवरात्र प्रारंभ/हेडगेवार जयंती-9 अप्रैल
नूतन वर्ष के दिन सूर्योदय के समय भगवान सूर्यनारायण को अर्घ्य देकर व शंखध्वनि करके नूतन वर्ष का स्वागत करना चाहिए।
'नूतन वर्ष मंगलमय हो, आनंदमय हो !

चैत्री नूतन वर्ष वि.सं. २०८१ प्रारंभ/गुड़ी पड़वा (पूरा दिन शुभ मुहूर्त)/चैत्री नवरात्र प्रारंभ/हेडगेवार जयंती-9 अप्रैल नूतन वर्ष के दिन सूर्योदय के समय भगवान सूर्यनारायण को अर्घ्य देकर व शंखध्वनि करके नूतन वर्ष का स्वागत करना चाहिए। 'नूतन वर्ष मंगलमय हो, आनंदमय हो ! #Bapuji
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सोमवती अमावस्या-8 अप्रैल
(सूर्योदय से रात्रि 11:50 तक)
(यह तिथि सूर्यग्रहण के बराबर कही गयी है।)
जिनके जो इष्ट हों,उन्हें उनका नाम-जप करना चाहिए और जिन्हें भगवत्प्राप्त महापुरुष मिल गये हों,उनसे भगवन्नाम की दीक्षा मिली हो,उनके लिए गुरुमंत्र का जप करना अनंत गुना फलदायी है।

सोमवती अमावस्या-8 अप्रैल (सूर्योदय से रात्रि 11:50 तक) (यह तिथि सूर्यग्रहण के बराबर कही गयी है।) जिनके जो इष्ट हों,उन्हें उनका नाम-जप करना चाहिए और जिन्हें भगवत्प्राप्त महापुरुष मिल गये हों,उनसे भगवन्नाम की दीक्षा मिली हो,उनके लिए गुरुमंत्र का जप करना अनंत गुना फलदायी है। #Bapuji
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