हमारा दृढ़ विश्वास है कि यदि देश में वर्ण-जाति के अनुरूप जीविका के प्रकल्प लागू हो जाएँ तो अधिकतर जनता को कोई समस्या नहीं होगी। विरोधियों को अनसुना करें, स्थाई जीविका से पोषित व हर्षित शूद्रवर्ग उनका लय कर देगा।
केवल शासन के शोधन की आवश्यकता है जिससे वह इस व्यवस्था को आरूढ़ करे।