Kavita Dasi(@kavita_das54911) 's Twitter Profileg
Kavita Dasi

@kavita_das54911

Sant Rampalji Maharaj is Real God

ID:1757261639974264832

calendar_today13-02-2024 04:34:01

7,9K Tweets

152 Followers

337 Following

Kavita Dasi(@kavita_das54911) 's Twitter Profile Photo

🙇🙇
The life that has passed without finding a Satguru has been in vain. Instead of worrying about it, do bhakti with full dedication in the remaining life, and get your welfare done.

account_circle
Kavita Dasi(@kavita_das54911) 's Twitter Profile Photo


जगत कल्याण हेतु वर्तमान समय में केवल सतगुरु रामपाल जी महाराज ही सनातन शास्त्रों (गीता वेद पुराणों) के गूढ़ रहस्यों को उजागर कर पूर्ण मोक्ष की यथार्थ भक्ति विधि प्रदान कर रहे है, सनातन धर्म को पुनर्स्थापित कर रहे है
Sant Rampal Ji Maharaj

#आओ_जानें_सनातन_को जगत कल्याण हेतु वर्तमान समय में केवल सतगुरु रामपाल जी महाराज ही सनातन शास्त्रों (गीता वेद पुराणों) के गूढ़ रहस्यों को उजागर कर पूर्ण मोक्ष की यथार्थ भक्ति विधि प्रदान कर रहे है, सनातन धर्म को पुनर्स्थापित कर रहे है Sant Rampal Ji Maharaj
account_circle
Kavita Dasi(@kavita_das54911) 's Twitter Profile Photo


सभी धर्मों के धर्मगुरु कहते है कि प्रारब्ध/पापकर्म तो भोगना ही पड़ता है जबकि जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज बताते है कि सनातन धर्म के आधारभूत शास्त्र यजुर्वेद अध्याय 5 श्लोक 32, अध्याय 8 श्लोक 13 में स्पष्ट लिखा है
Sant Rampal Ji Maharaj

#आओ_जानें_सनातन_को सभी धर्मों के धर्मगुरु कहते है कि प्रारब्ध/पापकर्म तो भोगना ही पड़ता है जबकि जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज बताते है कि सनातन धर्म के आधारभूत शास्त्र यजुर्वेद अध्याय 5 श्लोक 32, अध्याय 8 श्लोक 13 में स्पष्ट लिखा है Sant Rampal Ji Maharaj
account_circle
Kavita Dasi(@kavita_das54911) 's Twitter Profile Photo


नकली धर्मगुरुओं द्वारा सनातन धर्म के विपरीत भगवान प्राप्ति के लिए तपस्या (हठयोग) करने के लिए कहा जाता है।
जबकि तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज गीता अध्याय 17 श्लोक 5-6 में तपस्या (हठयोग) करने वालों को आसुर स्वभाव के कहा गया है
Sant Rampal Ji Maharaj

#आओ_जानें_सनातन_को नकली धर्मगुरुओं द्वारा सनातन धर्म के विपरीत भगवान प्राप्ति के लिए तपस्या (हठयोग) करने के लिए कहा जाता है। जबकि तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज गीता अध्याय 17 श्लोक 5-6 में तपस्या (हठयोग) करने वालों को आसुर स्वभाव के कहा गया है Sant Rampal Ji Maharaj
account_circle
Kavita Dasi(@kavita_das54911) 's Twitter Profile Photo


ॠगवेद मणडल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 और ॠगवेद मणडल 9, सूक्त 95, मंत्र 1-5 के अनुसार
परमात्मा साकार मानव सदृश है वह राजा के समान दर्शनीय है और सतलोक में तेजोमय शरीर में विद्यमान है उसका नाम कविर्देव (कबीर) है ।
Sant Rampal Ji Maharaj

#आओ_जानें_सनातन_को ॠगवेद मणडल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 और ॠगवेद मणडल 9, सूक्त 95, मंत्र 1-5 के अनुसार परमात्मा साकार मानव सदृश है वह राजा के समान दर्शनीय है और सतलोक में तेजोमय शरीर में विद्यमान है उसका नाम कविर्देव (कबीर) है । Sant Rampal Ji Maharaj
account_circle
Kavita Dasi(@kavita_das54911) 's Twitter Profile Photo


जगत कल्याण हेतु वर्तमान समय में केवल सतगुरु रामपाल जी महाराज ही सनातन शास्त्रों (गीता वेद पुराणों) के गूढ़ रहस्यों को उजागर कर पूर्ण मोक्ष की यथार्थ भक्ति विधि प्रदान कर रहे है, जिससे कलियुग में सतयुग की परिकल्पना साकार सिद्ध होगी।
Sant Rampal Ji Maharaj

#आओ_जानें_सनातन_को जगत कल्याण हेतु वर्तमान समय में केवल सतगुरु रामपाल जी महाराज ही सनातन शास्त्रों (गीता वेद पुराणों) के गूढ़ रहस्यों को उजागर कर पूर्ण मोक्ष की यथार्थ भक्ति विधि प्रदान कर रहे है, जिससे कलियुग में सतयुग की परिकल्पना साकार सिद्ध होगी। Sant Rampal Ji Maharaj
account_circle
Kavita Dasi(@kavita_das54911) 's Twitter Profile Photo


पवित्र गीता जी अध्याय 16 श्लोक 23 व 24 में कहां है कि जो पुरुष शास्त्र विधि को त्याग कर मनमाना आचरण करते हैं उनको सुख,शांति ,सिद्धि ,परम गति कुछ भी प्राप्त नहीं होता अर्थात व्यर्थ है l

Sant Rampal Ji Maharaj

#आओ_जानें_सनातन_को पवित्र गीता जी अध्याय 16 श्लोक 23 व 24 में कहां है कि जो पुरुष शास्त्र विधि को त्याग कर मनमाना आचरण करते हैं उनको सुख,शांति ,सिद्धि ,परम गति कुछ भी प्राप्त नहीं होता अर्थात व्यर्थ है l Sant Rampal Ji Maharaj
account_circle
Kavita Dasi(@kavita_das54911) 's Twitter Profile Photo


सनातन धर्म महान इसीलिए है क्योंकि सनातन धर्म में केवल एक परमेश्वर
गीता अध्याय 9 के श्लोक 25 में गीता ज्ञान दाता कहता है कि देवताओं को पूजने वाले देवताओं को,पितरों को पूजने वाले पितरों को और भूतों को पूजने वाले भूतों को प्राप्त होते हैं।
Sant Rampal Ji Maharaj

#आओ_जानें_सनातन_को सनातन धर्म महान इसीलिए है क्योंकि सनातन धर्म में केवल एक परमेश्वर गीता अध्याय 9 के श्लोक 25 में गीता ज्ञान दाता कहता है कि देवताओं को पूजने वाले देवताओं को,पितरों को पूजने वाले पितरों को और भूतों को पूजने वाले भूतों को प्राप्त होते हैं। Sant Rampal Ji Maharaj
account_circle
Kavita Dasi(@kavita_das54911) 's Twitter Profile Photo


पवित्र गीताजी के अध्याय 18 श्लोक 62 में उस परमात्मा के सनातन परम धाम की महिमा की गई है एवं अध्याय 15 के श्लोक 17 में तीनों लोकों में प्रवेश करके सबका धारण पोषण करने वाले उत्तम पुरुष को अविनाशी, परमेश्वर, परमात्मा बताया गया है।
Sant Rampal Ji Maharaj

#आओ_जानें_सनातन_को पवित्र गीताजी के अध्याय 18 श्लोक 62 में उस परमात्मा के सनातन परम धाम की महिमा की गई है एवं अध्याय 15 के श्लोक 17 में तीनों लोकों में प्रवेश करके सबका धारण पोषण करने वाले उत्तम पुरुष को अविनाशी, परमेश्वर, परमात्मा बताया गया है। Sant Rampal Ji Maharaj
account_circle
Kavita Dasi(@kavita_das54911) 's Twitter Profile Photo


पवित्र गीताजी के अध्याय 18 श्लोक 62 में उस परमात्मा के सनातन परम धाम की महिमा की गई है एवं अध्याय 15 के श्लोक 17 में तीनों लोकों में प्रवेश करके सबका धारण पोषण करने वाले उत्तम पुरुष को अविनाशी, परमेश्वर, परमात्मा बताया गया है।
Sant Rampal Ji Maharaj

#आओ_जानें_सनातन_को पवित्र गीताजी के अध्याय 18 श्लोक 62 में उस परमात्मा के सनातन परम धाम की महिमा की गई है एवं अध्याय 15 के श्लोक 17 में तीनों लोकों में प्रवेश करके सबका धारण पोषण करने वाले उत्तम पुरुष को अविनाशी, परमेश्वर, परमात्मा बताया गया है। Sant Rampal Ji Maharaj
account_circle
Kavita Dasi(@kavita_das54911) 's Twitter Profile Photo


सनातन धर्म महान इसीलिए है क्योंकि सनातन धर्म में केवल एक परमेश्वर
गीता अध्याय 9 के श्लोक 25 में गीता ज्ञान दाता कहता है कि देवताओं को पूजने वाले देवताओं को,पितरों को पूजने वाले पितरों को और भूतों को पूजने वाले भूतों को प्राप्त होते हैं।
Sant Rampal Ji Maharaj

#आओ_जानें_सनातन_को सनातन धर्म महान इसीलिए है क्योंकि सनातन धर्म में केवल एक परमेश्वर गीता अध्याय 9 के श्लोक 25 में गीता ज्ञान दाता कहता है कि देवताओं को पूजने वाले देवताओं को,पितरों को पूजने वाले पितरों को और भूतों को पूजने वाले भूतों को प्राप्त होते हैं। Sant Rampal Ji Maharaj
account_circle
Kavita Dasi(@kavita_das54911) 's Twitter Profile Photo


पवित्र गीता जी अध्याय 16 श्लोक 23 व 24 में कहां है कि जो पुरुष शास्त्र विधि को त्याग कर मनमाना आचरण करते हैं उनको सुख,शांति ,सिद्धि ,परम गति कुछ भी प्राप्त नहीं होता अर्थात व्यर्थ है l

Sant Rampal Ji Maharaj

#आओ_जानें_सनातन_को पवित्र गीता जी अध्याय 16 श्लोक 23 व 24 में कहां है कि जो पुरुष शास्त्र विधि को त्याग कर मनमाना आचरण करते हैं उनको सुख,शांति ,सिद्धि ,परम गति कुछ भी प्राप्त नहीं होता अर्थात व्यर्थ है l Sant Rampal Ji Maharaj
account_circle
Kavita Dasi(@kavita_das54911) 's Twitter Profile Photo


जगत कल्याण हेतु वर्तमान समय में केवल सतगुरु रामपाल जी महाराज ही सनातन शास्त्रों (गीता वेद पुराणों) के गूढ़ रहस्यों को उजागर कर पूर्ण मोक्ष की यथार्थ भक्ति विधि प्रदान कर रहे है, जिससे कलियुग में सतयुग की परिकल्पना साकार सिद्ध होगी।
Sant Rampal Ji Maharaj

#आओ_जानें_सनातन_को जगत कल्याण हेतु वर्तमान समय में केवल सतगुरु रामपाल जी महाराज ही सनातन शास्त्रों (गीता वेद पुराणों) के गूढ़ रहस्यों को उजागर कर पूर्ण मोक्ष की यथार्थ भक्ति विधि प्रदान कर रहे है, जिससे कलियुग में सतयुग की परिकल्पना साकार सिद्ध होगी। Sant Rampal Ji Maharaj
account_circle
Kavita Dasi(@kavita_das54911) 's Twitter Profile Photo


ॠगवेद मणडल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 और ॠगवेद मणडल 9, सूक्त 95, मंत्र 1-5 के अनुसार
परमात्मा साकार मानव सदृश है वह राजा के समान दर्शनीय है और सतलोक में तेजोमय शरीर में विद्यमान है उसका नाम कविर्देव (कबीर) है ।
Sant Rampal Ji Maharaj

#आओ_जानें_सनातन_को ॠगवेद मणडल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 और ॠगवेद मणडल 9, सूक्त 95, मंत्र 1-5 के अनुसार परमात्मा साकार मानव सदृश है वह राजा के समान दर्शनीय है और सतलोक में तेजोमय शरीर में विद्यमान है उसका नाम कविर्देव (कबीर) है । Sant Rampal Ji Maharaj
account_circle
Kavita Dasi(@kavita_das54911) 's Twitter Profile Photo


नकली धर्मगुरुओं द्वारा सनातन धर्म के विपरीत भगवान प्राप्ति के लिए तपस्या (हठयोग) करने के लिए कहा जाता है।
जबकि तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज गीता अध्याय 17 श्लोक 5-6 में तपस्या (हठयोग) करने वालों को आसुर स्वभाव के कहा गया है
Sant Rampal Ji Maharaj

#आओ_जानें_सनातन_को नकली धर्मगुरुओं द्वारा सनातन धर्म के विपरीत भगवान प्राप्ति के लिए तपस्या (हठयोग) करने के लिए कहा जाता है। जबकि तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज गीता अध्याय 17 श्लोक 5-6 में तपस्या (हठयोग) करने वालों को आसुर स्वभाव के कहा गया है Sant Rampal Ji Maharaj
account_circle